Friday, August 23, 2013

मेरा शहर बड़ा अजीब है, और अजीब तरह से यहाँ गुजारी जाती हैं रातें,
एक तरफ इस शहर में बड़े लोग रहते हैं,और रंगीनियों में गुजारी जाती हैं रातें !
सब लोगों का रूतबा दिखाने को महफ़िलें सजाती हैं रातें,
हर रोज ख़ुशी में देर रात  तक जाम छलकाती है रातें !
कभी पब में तो कभी आलिशान होटलों में गुजारी जाती हैं रातें,
तेज बजता म्यूजिक और डिस्को लाइट्स पर नचाती हैं रातें,
किसी को  भी मस्त कर दे ऐसे ड्रग्स और सिगरेट्स के धुए उड़ाती हैं रातें,
चम-चमाती लक्जरी कारों में फिर लॉन्ग ड्राइव पर ले जाती हैं रातें !!!!
                 दूसरी तरफ कुछ गरीब भी हैं,जिनके लिए नींद का तोहफा लाती                 हैं रातें,
              दिन भर  हाड़तोड़ मेहनत के बाद 2 रोटी खिलाती हैं रातें,
              जब न हो पकाने को 4 दाने घर में,तो पानी पीकर गुजारी जाती हैं                रातें,
              बड़े लोगों की चका-चौंध भरी दुनिया से फासला दिखाती हैं रातें,
              सर्दी में अपने पैरों को पेट में सिकोड़कर गुजारी जाती हैं रातें,
              तो गर्मी में टपकते पसीने को पोंछकर काटी जाती हैं रातें,
              कुछ ऐसा है मेरा शहर नादान, जहाँ दोहरी ज़िन्दगी बिताती हैं                   रातें!!!!!!!